बांदा। कोरोना की जंग पूरा देश लड़ रहा है। रविवार को जनता कयूं महज इसलिए रहा कि लोग जब अपने घरों से बाहर नहीं निकलेंगे तो कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं फैलेगा, लेकिन जिला अस्पताल प्रशासन का राग ही अलग है। इन सब से उलट जिला अस्पताल प्रशासन ओपीडी चालू किए हुए हैसीएमएस का कहना है कि उनके पास ऐसा कोई आदेश नहीं आया है कि ओपीडी को बंद कर दिया जाएयह बात जरूर सीएमएस ने कही कि गंभीर मरीजों के लिए ओपीडी चालू है, सामान्य मरीजों के लिए नहींबावजूद इसके भीड़ को इकट्ठा हो ही रही है। सीएमस ने यह भी कहा रही है। सीएमस ने यह भी कहा है कि अपर निदेशक स्वास्थ्य से भी इस बारे में पूछा गया है। कोरोना को लेकर बरती जा रही सतर्कता में व्यवस्थाओं की बात करना ही बेकार है। अलबत्ता भीड़ नहीं जुटने देने के लिए जनता कयूं पूरे देश में लागू किया गया। इसके साथ ही पुलिस ने भी बाकायदा मेहनत की और अनावश्यक लोगों को घर से बाहर नहीं निकलने देने का प्रयास किया है। भीड़ न जुटने देने के लिहाज से पूरा देश अपने अफसरों के आदेश का पालन कर रहा है। लेकिन जिला अस्पताल प्रशासन है कि अपनी ढपली और अपना राग ही अलाप रहा है। सोमवार को खुले जिला अस्पताल में ओपीडी चालू रही। ओपीडी में 883 मरीजों ने अपने पर्चे बनवाए और चिकित्सकों से उपचार करवाया। पर्चा काउंटर से लेकर दवा वितरण काउंटर तक में जबरदस्त भीड़ रही। देश की राजधानी दिल्ली में एम्स की ओपीडी बंद करा दी गई है. लेकिन बंद करा दी गई है, लेकिन चित्रकूटधाम मंडल मुख्यालय के जिला अस्पताल की ओपीडी चालू है, ऐसा कैसे। इस बारे में जब सीएमएस डा. संपूणानंद मिश्र से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ओपीडी चालू है। क्योंकि हमें भीड़ से बचना है, इसलिए गंभीर मरीजों की ओपीडी चालू है, सामान्य मरीजों की नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि अपर निदेशक स्वास्थ्य से भी इस बारे में बात की गई थी, लेकिन उन्होंने बताया कि ओपीडी बंद करने का कोई आदेश उनके पास नहीं आया है। कुल मिलाकर आदेश के इंतजार में स्थानीय अस्पताल प्रशासन जनता की जिन्दगी से खिलवाड़ कर रहा है। अगर भीड़ भरे माहौल में कोरोना वायरस का संक्रमण फैला तो फिर अस्पताल प्रशासन क्या करेगा, क्या तब भी आदेश न होने के कारण ओपीडी चालू रखने की बात कही जाएगी या फिर कुछ और। तीन पर्चा काउंटर खोले गए : सोमवार को जिला पुरुष अस्पताल में एक अतिरिक्त पर्चा काउंटर एक अतिरिक्त पर्चा काउंटर खोला गया। दो पर्चा काउंटर पहले से ही संचालित किए जा रहे हैं। जिला अस्पताल के रैन बसेरा में सर्दी, जुकाम, खांसी और बुखार से पीड़ित करीब 54 लोगों के पर्चे बनाए गए। इनमें 10 लोगों को कोरोना संक्रमण की आशंका पर फिजीशियन के कक्ष में भेजा गया।
रोक के बावजूद जिला अस्पताल की ओपीडी चालू